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Dec 13, 2023

करेला - उपयोग, फायदे और नुकसान (Bitter Gourd - Uses, Advantages and Disadvantages)






करेले का कड़वा स्वाद भले ही कड़वा है, लेकिन इसमें मौजूद पोषक तत्व आपको कई हेल्थ व ब्यूटी प्रॉब्लम्स से बचा सकते हैं. करेले में विटामिन A, B और C के अलावा कैरोटीन, बीटाकैरोटीन, लूटीन, आयरन, जिंक, पोटैशियम, मैग्नीशियम, मैगनीज़ आदि होते हैं, जो सेहत के लिए बहुत फ़ायदेमंद है.

मधुमेह के रोगी विशेषतः इसके रस और सब्जी का सेवन करते हैं | समस्त भारत में इसकी खेती की जाती है | इसके पुष्प चमकीले पीले रंग के होते हैं | इसके फल ५-२५ सेमी लम्बे,५ सेमी व्यास के,हरे रंग के,बीच में मोटे,सिरों पर नुकीले,कच्ची अवस्था में हरे तथा पक्वावस्था में पीले वर्ण के होते हैं | इसके बीज ८-१३ मिमी लम्बे,चपटे तथा दोनों पृष्ठों पर खुरदुरे होते हैं जो पकने पर लाल हो जाते हैं | इसका पुष्पकाल एवं फलकाल जून से अक्टूबर तक होता है |

Nov 6, 2023

kidney stone, cause, Symptom & Treatment


किडनी यानि गुर्दे का स्टोन (Kidney Stones) -
ये
 किडनी में बनने वाले छोटे पथरी (क्रिस्टलीय खनिज पदार्थ) होते हैं जो किडनी के अंदर या मूत्रनाली में कही भी बन सकते हैं। ये पथरियाँ मूत्र मार्ग में जम जाने के कारण या मूत्रमार्ग में फंस जाने के कारण मूत्र स्राव को अवरोधित कर सकता हैं या मूत्र रोक सकता हैं या फिर मूत्र मार्ग में अच्छे से नहीं बह सकते हैं. किडनी स्टोन आमतौर पर कैल्शियम, यूरिक एसिड, सिस्टीन, या ओक्सलेट्स जैसे खनिजों की अधिकता के कारण बन सकते हैं। यूरीन में मौजूद यूरिक एसिड, फॉस्फोरस, कैल्शियम, ऑक्जालिक एसिड मिलकर पथरी बना देते है। इससे दर्द, सूजन, मूत्र मार्ग के इन्फेक्शन, ब्लडी मूत्र, या दूसरी समस्याएँ हो सकती हैं। अगर पथरी 5 एमएम से ज्यादा का हो तो यह मूत्र मार्ग में रुकावट पैदा कर सकता है, जिससे परिणामस्वरूप दर्द और उल्टी जैसे लक्षण उत्पन्न होते है।

किडनी स्टोन के चार प्रकार पाये जाते हैं-
1. कैल्शियम स्टोन
2. यूरिक एसिड स्टोन
3. स्ट्रूविटा स्टोन
4. सिस्टिन स्टोन
आम तौर पर इनमें से कैल्शियम स्टोन और यूरिक एसिड स्टोन सबसे ज्यादा पाये जाते हैं।

किडनी स्टोन होने के कारण 

1. पर्याप्त पानी न पीने से शरीर में मूत्र का पर्याप्त विसर्जन नहीं होता है, जिससे किडनी स्टोन हो सकता है।

2. अधिक नमक का सेवन किडनी स्टोन के बढ़ने का कारण बन सकता है।

3. अधिक ओक्सलेट, कैल्शियम, पुरीन, और नैट्रिट युक्त पदार्थ खाने के कारण यूरिक एसिड की अधिकता हो सकती है, जिससे स्टोन बनने की संभावना बढ़ सकती है।

4. हाइपरकैल्सीयमिया (अधिक कैल्शियम) और हाइपरुरीकेमिया (अधिक यूरिक एसिड) के कारण किडनी स्टोन के संभावना बढ़ सकती है।

5. किडनी स्टोन के होने की संभावना उन लोगों में अधिक होती है जिनके परिवार में भी किडनी स्टोन की समस्या का हिस्ट्री रहा है।

6. डायबिटीज और मेटाबोलिक सिंड्रोम जैसे रोग स्टोन के बढ़ने के कारण बन सकते हैं।

7. कई गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी के बाद  अच्छी पाचन क्षमता कम हो सकती है और किडनी स्टोन के बढ़ने के खतरे को बढ़ा सकती है।

8. बढ़ती उम्र में किडनी स्टोन की संभावना बढ़ जाती है।

9. शरीर में मिनरल्स की कमी, डिहाइड्रेशन, विटामिन डी की अधिकता और जंक फूड का अति सेवन किडनी स्टोन के कारण हो सकते हैं।

गुर्दे की पथरी के लक्षण (Symptoms of Kidney Stone)

1. गुर्दे में दर्द होता है

2. मूत्र त्याग करते  समय दर्द होता है

3. बार-बार पेशाब आना परंतु खुलकर पेशाब न आना या मूत्र में रक्त आना है।

4. पीठ के निचले हिस्से, पेट में दर्द और ऐंठन होता है

5. जी मिचलाना और उल्टी आना

6. दुर्गन्धयुक्त पेशाब होता है

7. बुखार और पसीना आना आदि


किडनी स्टोन से बचने के लिए सावधानियां

गुर्दे में पथरी न हो इसके लिए आहार और जीवनशैली में कुछ बदलाव लाने चाहिए। जैसे-

1. शरीर में यूरिक एसिड को बढ़ने न दें।

2. मांसाहार का सेवन बिल्कुल भी न करें।

3. ऐसे व्यक्ति जिसे कैल्शियम ऑक्जालेट टाइप गुर्दे की पथरी से पीड़ित है उन्हें ऑक्जालेट से भरपूर आहार नहीं लेने चाहिये। जैसे - मूंगफली, पालक, चुकन्दर, शीशम के बीज, चॉकलेट, जिमीकंद, साबुत अनाज।

4. अधिक मात्रा में प्रोटीन न लें।

5. नमक, जंक फूड, डिब्बा बंद खाना का बहुत अधिक सेवन न करे

6. टमाटर, बैंगन, कच्चा चावल, उड़द और चने का अधिक सेवन करने से बचे।

7. अधिक से अधिक पानी पीएँ और कोल्ड ड्रिंक का सेवन न करें, ।


किडनी स्टोन के घरेलू इलाज

1. 4 चम्मच नींबू का रस व समान मात्रा में ऑलिव ऑयल मिलाएँ। इसे पानी के साथ दिन में 2-3 बार पिएँ। तीन दिन इसे लगातार करें यदि पथरी बाहर निकल जाती है तो इसे आगे न दोहराएँ।· खीरे का सेवन करने से पथरी निकलने में आसानी होती है।

2. सौंफ मिश्री, सूखा धनिया का मिश्रण को रात को दो कप ठंडा पानी में मिलाकर पीने से पथरी पेशाब के रास्ते धीरे धीरे बाहर निकल जाती है।

3.  प्रतिदिन 5-7 तुलसी के पत्तों को चबाकर खाएँ। इसमें एसिटिक एसिड एवं अन्य जरूरी तेल होते है जो पथरी को तोड़कर धीरे धीरे पेशाब के रास्ते बाहर निकालते है। यह दर्द निवारक की तरह भी काम करती है।

4. चौलाई की सब्जी खाने से गुर्दे की पथरी से निजात मिलती है। यह पथरी को गलाने का काम करती है।
 
5. 2-3 बेलपत्र को पानी के साथ पीस लें और इसमें एक चुटकी काली मिर्च मिलाकर खाएँ। इसका सेवन करने से गुर्दे की पथरी धीरे धीरे बाहर निकल जाती है।

 6. व्हीट ग्रास को पानी में उबालकर ठण्डा कर लें इसके नियमित सेवन से गुर्दे की पथरी और गुर्दे से जुड़ी दूसरी बिमारियों में काफी आराम मिलता है।

7. एक चम्मच इलायची, खरबूजे के बीज की गिरी और दो चम्मच मिश्री एक कप पानी में डालकर उबालें ठंडा होने के बाद सुबह-शाम पीएँ। यह पथरी को गलाने का काम करती है
 
8. 1 कप गुनगुने पानी, 2 चम्मच एप्पल विनेगर एवं 1 चम्मच शहद मिलाकर दिन में बार-बार पिएँ। सेब के सिरके में क्षार के गुण होते है यह किडनी स्टोन को घुलने में मदद करता है।

9. प्रतिदिन अनार का जूस पिएँ। अनार में मौजूद पोटाशियम उन मिनरल क्रिसटल्सको बनने से रोकता है जिनके कारण पथरी बनती है। यह अपने क्षारीय गुण के कारण पथरी को बनने से रोकता है और यह मूत्र में एसिड के स्तर को ठीक रखता है। यह पथरी की रोकथाम के लिए सबसे अच्छा घरेलू उपाय माना जाता है.

10.  तरबूज  खाने से शरीर में पानी बढ़ता है व पथरी यूरीन के द्वारा निकल जाती है। इसके अलावा तरबूज के रस में एक चौथाई चम्मच धनिया पाउडर डालकर  दिन में दो-तीन बार सेवन करें।तरबूज में पोटाशियम के साथ  पानी की मात्रा भी अधिक होती है। पोटैशियम किडनी को मजबूत बनाने में सहायक होते है और  यूरीन में एसिड लेवल को समान रखता है। 

11.  खजूर को रात भर पानी में भिगाकर सुबह खाए इसमें फाइबर की अच्छी मात्रा होती है। गुर्दे की पथरी होने के खतरे को कम करता है।

 12. कॉर्न हेयर या कॉर्न सिल्क (मकई) के सेवन से किडनी स्टोन ठीक होता है। इसके सेवन से यूरिन ज्यादा आता है और पथरी छोटे-छोटे कणों के द्वारा बाहर निकल जाती है।

 13. प्याज को एक गिलास पानी में डालकर धीमी आँच में उबालें पकने पर उसे ठण्डा कर लें अब प्याज को पीस लें और छानकर रस निकालकर 1-2 दिन तक पीएँ।

14. राजमा को भिगोकर उसे उबाल लें। इस पानी को ठंडा कर के इसे दिन में कई बार पिएँ।

15. अगर गुर्दे की पथरी के शुरुवाती लक्षण नजर आएं तो  छोटे पथरी  को अधिकांशतः एक दिन में 7-8 गिलास पानी पीकर पथरी निकल जाता है।
नोट -  गुर्दे की पथरी का दर्द बहुत ही असहनीय और देर तक बना रहता है। दर्द के साथ जी मिचलाना और उल्टी जैसे लक्षण भी दिखाई दे सकते है। गुर्दे की पथरी के कारण गुर्दे या मूत्रपथ में संक्रमण भी हो सकता है अतः दर्द उठने पर ही तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क कर जाँच कराएं एवं पथरी होने पर तुरंत इलाज करवाएं।


Nov 1, 2023

तुलसी के बीज के फायदे


सर्दी-खांसी 

लौंग, तुलसी के बीज (Tulsi Ke Bij) को 1 गिलास पानी में उबाल लें। जब यह आधा रह जाए तो इसमें सेंधा नमक डालकर सेवन करें। दिन में दो बार इसका सेवन सर्दी, खांसी और जुकाम से राहत दिलाता है। 

यौन रोग 

तुलसी के बीज पुरूषों में होने वाली शारीरिक कमजोरी को दूर करने में मदद करते है। इसका नियमित रूप से सेवन यौन रोग और नपुंसकता की समस्या तक दूर हो जाती है।

यूरिक एसिड (Uric Acid), लक्षण, कारण, सावधानियाँ और इलाज



यूरिक एसिड (Uric Acid), लक्षण, कारण, सावधानियाँ और इलाज (Uric Acid, symptoms, causes, precautions and treatment)


यूरिक एसिड (Uric Acid) एक प्रकार का रसायनिक पदार्थ है जो मुख्य रूप से प्रोटीनों के अवशिष्टों होता है, जो पुरीन नाम के प्रोटीन में पाया जाता है. जब शरीर आन्तरिक क्रियाओ के दौरान प्रोटीनों को तोड़ता है, तो यह यूरिक एसिड उत्पन्न होता है. यूरिक एसिड एक कार्बनिक यौगिक है जो हाईड्रोजन, ऑक्सीजन और नाईट्रोजन जैसे तत्वों से मिलकर बनता है. यह शरीर में बनने के साथ-साथ भोजन के जरिए भी शरीर में प्रवेश करता है. यह यूरिक एसिड आमतौर पर किडनी के माध्यम से मूत्र के साथ शरीर से बाहर निकलता है.

मेथी के फायदे, उपयोग और नुकसान

परिचय - मेथी को भारत में क्षेत्रवार के अनुसार अलग-अलग नामों से बुलाया जाता है। जहां हिंदी, गुजराती, मराठी, बंगाली और पंजाबी में इसे मेथी कहते हैं, वहीं संस्कृत में इसका नाम मेथिका है। कन्नड़ में इसे मेन्तिया, तेलुगु में मेंतुलु, तमिल में वेंडयम, मलयालम में वेन्तियम, अंग्रेजी में फेनुग्रीक और लेटिन में त्रायिगोनेल्ला फोएनम ग्रीकम के नाम से जाना जाता है।

Oct 1, 2023

दिमाग चलने नहीं दौड़ने लगता है बस ये कुछ घरेलू-नुस्खे अपनाकर

 


भूलने की आदत एक समस्या हैजिससे स्वयं को तो परेशानी होती ही है, बल्कि उससे जुड़े दूसरे लोग भी कई बार परेशानी में पड़ जाते हैं। कमजोर याददाश्त को बुढ़ापे की निशानी माना जाता हैलेकिन बार-बार भूलने की समस्या केवल बूढ़े लोगों के साथ ही नहींबल्कि जवान लोगों के साथ भी होती है। भूलने की समस्या लगभग हर उम्र के लोगों में पाई जाती है।

 

भूलने का मुख्य कारण समान्यता एकाग्रता की कमी होती है। अधिकतर समस्या दिमाग को रीकॉल करने में होती हैक्योंकि हमारे दिमाग को रीकॉल प्रोसेस के लिए जिन पोषक तत्वों की आवश्यकता होती हैउनकी शरीर में कमी हो जाती है। इसलिए उन पोषक तत्वों की पूर्ति करने के लिए आगे बताए गए घरेलू-नुस्खे अपनाकर भूलने की आदत से छुटकारा पा सकता है।

 

1. रात को पानी में लगभग 9 -10 नग बादाम भिगो दें। सुबह छिलके उतारकर उसको बारीक पीस कर पेस्ट बना लें। अब एक गिलास गर्म दूध में उस बादाम का पेस्ट घोल लें। इसमें लगभग चम्मच शहद डालें।बादाम मिला दूध जब हल्का गर्म हो तब पिएं। इसे पीने के बाद दो घंटे तक कुछ न खाएं।

2. देखा गया हैकि सुबह कॉफी पीने वाले , काफी न पीने वालों की तुलना में अधिक फुर्ती से अपने कार्य निपटा लेते हैं। शोधकर्ताओं के अनुसारकैफीन मस्तिष्क के उन हिस्सों को क्रियाशील करता हैजहां से व्यक्ति की सक्रियतामूड और ध्यान नियंत्रित होता है। इससे यादास्त को सुधारने मे सहायता मिलता है। इसी लिए  यदि आप सुबह और दोपहर में भी तो कॉफी लें इससे यादास्त सुधारने में सहायता मिलेगा।

3. ब्रह्मी दिमागी ताकत बढ़ाने की मशहूर जड़ी-बूटी है। आप इसके 7 - 8 पत्ते चबाकर खाने से भी याददाश्त बढ़ती है। आप चाहे तो इसका एक चम्मच रस भी  रोज पी सकते है ।=

4. अखरोट स्मरण शक्ति बढ़ाने में सहायक होता है। 20 ग्राम अखरोट और 10 ग्राम किशमिश मिलाकर खाने से याददाश्त बढ़ती है। अखरोट में एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं और आप इसे ऐसे भी दिन में 5 – 6  खा सकते हैं। अखरोट खाने से कोलेस्ट्रॉल भी नियंत्रित रहता है।

5. सेब में पाया जाने वाला पेक्टिन विशेष फाइबर होता है। यह इम्यून सपोर्टिव प्रोटीन्स के स्तर को बूस्ट करता है। रोज सेब का सेवन करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है साथ ही  दिनभर में एक सेब खाना कई बीमारियों से बचा जा सकता है।

6. दालचीनी का तेल भी स्मरण शक्ति बढ़ाने में काफी प्रभावकारी होता है। यह तेल कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता हैजिसकी वजह से आपका मस्तिष्क तेजी से काम करता है। यह तेल दिमाग को ठंडक पहुंचाता है और तनाव को कम करते हुए दिमाग को तेज-तर्रार बनाता है।

7.  हरी चाय एक स्वास्थ्यवर्धक पेय है। शोधकर्ताओं के अनुसार यह मस्तिष्क के लिए लाभदायक होती है। इसमें ऐसे रासायनिक तत्व पाए हैंजो मस्तिष्क की कोशिका के उत्पादनस्मृति में सुधार के साथ-साथ सीखने की क्षमता में भी सुधार करते हैं।

8. अलसी का तेल एकाग्रता बढ़ाता हैस्मरण शक्ति तेज करता है और सोचने-समझने की शक्ति को भी बढ़ाता है, क्योकि अलसी के तेल में ओमेगा फैटी एसिड्स प्रचूर मात्रा में पाए जाते हैं।

9.   स्मरण शक्ति बढ़ाने में रोजमेरी (गुलमेंहदी) का तेल बहुत काम आता है । इसमें खुशबू  के साथ औषधीय गुण होते हैं। इसके खुशबू के कारण इसे सुगंध चिकित्सा में भी इस्तेमाल किया जाता है। इसकी तीखी खुशबू मस्तिष्क को उत्प्रेरित करती हैजिसकी वजह से दिमाग की कार्यक्षमता बढ़ती है। इस वजह से इसे ब्रेन टॉनिक भी कहा जाता है।

May 24, 2022

कढ़ी पत्ते के उपयोग, फायदे, और नुकसान



कड़ी पत्ता जिसको मीठा नीम के नाम से भी जानते है क्यूंकि इसकी पत्तियां नीम की तरह की होती है परन्तु स्वाद कड़वा नहीं होता है और इसको इसीलिए कड़ी पत्ता कहा जाता है क्यूंकि इसको कढी में डालने पर कढी स्वादिष्ट हो जाता है


अक्सर हम भोजन में से कढ़ी पत्ता निकाल कर अलग कर देते है, . इससे हमें उसकी खुशबु तो मिलती है पर उसके गुणों का लाभ नहीं मिल पाता है।   कढ़ी पत्ते को धो कर छाया में सुखा कर उसका पावडर इस्तेमाल करने से बच्चे और बड़े भी भी इसे आसानी से खा लेते है